भारत सरकार ने बेटियों की सुरक्षा और भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (SSY or Sukanya Samriddhi Yojna ) की शुरुआत की थी। इस योजना का मकसद बेटियों की शिक्षा और शादी जैसे खर्चों के लिए लंबी अवधि का फाइनेंशियल सपोर्ट देना था।
शुरुआत में इस योजना को लेकर लोगों में काफी उत्साह था क्योंकि इसमें मिलने वाला ब्याज अन्य सेविंग स्कीम से ज्यादा था और टैक्स बेनिफिट भी मिलता था। लेकिन अब धीरे-धीरे ये स्कीम कई वजहों से “loss scheme” मानी जा रही है।
आइए जानते हैं कि सुकन्या समृद्धि योजना घाटे में क्यों जा रही है।
Sukanya Samriddhi Yojna क्या है?
यह एक सरकारी बचत योजना है जो खास तौर पर बेटियों के लिए बनाई गई है। इस योजना में बेटी की 10 साल की उम्र तक खाता खोला जा सकता है। इसमें हर साल कम से कम ₹250 जमा करना जरूरी होता है, और ज्यादा से ज्यादा ₹1.5 लाख तक जमा किया जा सकता है।
- मैच्योरिटी पीरियड: 21 साल
- ब्याज दर (वर्तमान): लगभग 8% से 9.2% तक
- टैक्स छूट: EEE कैटेगरी के तहत टैक्स फ्री
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Sukanya Samriddhi Yojna में घाटा क्यों हो रहा है?
अब सवाल ये उठता है कि जब सुकन्या समृद्धि योजना इतनी फायदेमंद दिखती है, तो फिर लोग इसे घाटे का सौदा क्यों मान रहे हैं? असल में, इसके कुछ छुपे हुए पहलू हैं जो समय के साथ नुकसान पहुंचा सकते हैं। जैसे – ब्याज दरों में अनिश्चितता, लंबा लॉक-इन पीरियड और ऑनलाइन सुविधा की कमी। इन कारणों की वजह से कई लोग इस स्कीम से पीछे हटने लगे हैं।
नीचे इसके कारण बताए गए हैं:
1. लंबा लॉक-इन पीरियड
इस योजना में जमा की गई राशि को 21 साल बाद ही निकाला जा सकता है। अगर किसी को शॉर्ट टर्म गोल के लिए पैसे की जरूरत हो तो ये योजना बिलकुल भी मुफीद नहीं है।
अगर बेटी की शादी या पढ़ाई के लिए जल्दी फंड चाहिए तो SSY से पैसे निकालना मुश्किल हो सकता है।
2. ब्याज दर निश्चित नहीं है
भले ही अभी इस योजना में ब्याज 8%-9.2% मिल रहा हो, लेकिन ये गैर-स्थिर (non-fixed) है। भारत सरकार हर तिमाही इसे बदल सकती है।
अगर भविष्य में ब्याज दर कम हो गई, तो आपकी सेविंग पर रिटर्न घट सकता है।
3. केवल दो बेटियों के लिए
अगर किसी परिवार में तीन बेटियां हैं तो भी वो सिर्फ दो ही बेटियों के लिए अकाउंट खोल सकते हैं। यह सीमा कई परिवारों के लिए एक limit बन जाती है।
4. ऑनलाइन सुविधा नहीं
इस डिजिटल युग में भी सुकन्या योजना की कोई ऑनलाइन मैनेजमेंट या ट्रैकिंग सुविधा नहीं है। इससे युवा पैरेंट या tech-savvy लोग इससे जुड़ने में हिचकिचाते हैं।
5. डिफॉल्ट होने पर नुकसान
हर साल ₹250 जमा करना जरूरी है। अगर कोई सालभर कुछ नहीं जमा करता तो अकाउंट डिफॉल्ट हो जाता है। डिफॉल्ट को एक्टिव करने के लिए ₹50 पेनल्टी + बकाया राशि जमा करनी पड़ती है।
अगर अकाउंट 15 साल तक डिफॉल्ट रहता है, तो उसे सिर्फ नॉर्मल सेविंग अकाउंट का ब्याज ही मिलेगा, जो बहुत कम होता है।
6. टैक्स और इन्फ्लेशन का असर
हालांकि यह योजना टैक्स-फ्री है, लेकिन अगर समय से पहले पैसा निकाला जाए तो उस पर टैक्स लग सकता है।
साथ ही, इन्फ्लेशन (महंगाई) अगर ब्याज दर से ज्यादा हो जाए, तो जमा की गई राशि की वैल्यू घट सकती है। यानी रियल में आपके पैसे की कीमत कम हो जाएगी।
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क्या सुकन्या समृद्धि योजना सुरक्षित है?
सुकन्या समृद्धि योजना एक अच्छी और सुरक्षित योजना है, लेकिन इसमें कुछ ऐसी कमियां हैं जो इसे घाटे में डाल सकती हैं – जैसे लंबा लॉक इन पीरियड, ब्याज दर में अनिश्चितता, टेक्नोलॉजी की कमी और लिमिटेड अकाउंट।
इसलिए, इसमें निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल गोल और जरूरतों का विश्लेषण ज़रूर करें। अगर आप लॉन्ग टर्म सेविंग के लिए तैयार हैं और हर साल मिनिमम अमाउंट जमा कर सकते हैं, तभी यह योजना आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
सवाल-जवाब
पूरी तरह से नहीं, लेकिन कुछ स्थितियों में यह घाटे में जा सकती है, जैसे ब्याज दर घट जाना, अकाउंट डिफॉल्ट हो जाना या इन्फ्लेशन ज्यादा होना।
नहीं, सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक केवल 2 बेटियों के लिए ही अकाउंट खोलने की अनुमति है।
आपका अकाउंट डिफॉल्ट हो जाएगा और फिर उसे रिएक्टिवेट करने के लिए ₹50 पेनल्टी और बकाया राशि जमा करनी पड़ेगी।
नहीं, अभी तक सुकन्या समृद्धि योजना में पूरी तरह ऑनलाइन सुविधा नहीं है। आपको पोस्ट ऑफिस या बैंक में जाकर मैनुअली ट्रांजैक्शन करने होते हैं।
अगर आप पैसा मैच्योरिटी से पहले निकालते हैं तो टैक्स लग सकता है। वरना यह EEE कैटेगरी में आता है और टैक्स-फ्री है।