PLI योजना के लिए ₹23,000 करोड़ – इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में क्रांति

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भारत सरकार ने घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ₹23,000 करोड़ की Production Linked Incentive (PLI) योजना को मंजूरी दी है। यह योजना भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में देश की भूमिका को मजबूत करने के लिए बनाई गई है।

इस लेख में हम जानेंगे कि यह योजना क्या है, कैसे काम करेगी और इससे भारत की अर्थव्यवस्था और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को क्या लाभ होगा।

PLI योजना क्या है?

PLI योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट जैसे डिस्प्ले और कैमरा मॉड्यूल, लिथियम-आयन सेल्स, मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स, और डिजिटल उपकरणों के लिए जरूरी घटकों की घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है।

इस योजना के तहत:

  • 6 साल की अवधि के लिए इंसेंटिव्स प्रदान किए जाएंगे।
  • ग्रीनफील्ड (नई यूनिट्स) और ब्राउनफील्ड (मौजूदा यूनिट्स) दोनों प्रकार की एप्लीकेशंस स्वीकार की जाएंगी।
  • कंपनियों को उनके टर्नओवर और कैपिटल एक्सपेंडिचर (CapEx) के आधार पर इंसेंटिव मिलेगा।

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योजना का लागू कैसे होगा?

  1. योजना के ऑपरेशनल गाइडलाइन्स अगले 2-3 हफ्तों में जारी कर दिए जाएंगे।
  2. इसके बाद सरकार कंपनियों से आवेदन लेना शुरू करेगी।
  3. गवर्निंग काउंसिल का गठन किया जाएगा, जो एप्लीकेशंस की समीक्षा करेगी और उन्हें मंजूरी देगी।

गवर्निंग काउंसिल में शामिल होंगे:

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय
  • व्यय विभाग
  • आर्थिक मामलों का विभाग
  • उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने वाला विभाग
  • दूरसंचार विभाग
  • भारी उद्योग मंत्रालय

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भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का विकास

पिछले एक दशक में भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन और निर्यात में बड़ी प्रगति की है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने ₹2 लाख करोड़ के स्मार्टफोन निर्यात किए, जिनमें से अकेले ₹1.5 लाख करोड़ का योगदान Apple iPhones का रहा। भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन हर साल लगभग 17% CAGR की दर से बढ़ रहा है, जबकि निर्यात में 20% CAGR की वृद्धि हो रही है।

PLI योजना के तहत अब भारत सिर्फ फिनिश्ड प्रोडक्ट तक सीमित न रहकर असेंबली और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस कर रहा है। इससे घरेलू उद्योगों को नई तकनीकों को अपनाने और ग्लोबल मार्केट में प्रतिस्पर्धा करने का बेहतरीन मौका मिलेगा।

वर्तमान में देश में 400 से अधिक उत्पादन इकाइयां हैं, और यह योजना मैन्युफैक्चरिंग ईकोसिस्टम को और मजबूत और विविध बनाने में मदद करेगी। इससे नए उद्योग और उत्पादन इकाइयों का विकास होगा, जिससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

योजना का लाभ कंपनियों को कैसे मिलेगा?

टर्नओवर-आधारित इंसेंटिव के तहत कंपनियों को उनके नेट इनक्रिमेंटल सेल्स (बेस वर्ष की तुलना में) के आधार पर इंसेंटिव दिया जाएगा। यह उन्हें अपनी सेल्स बढ़ाने और प्रोडक्टिविटी में सुधार करने के लिए प्रेरित करेगा। वहीं, कैपिटल एक्सपेंडिचर इंसेंटिव के लिए कंपनियों को न्यूनतम निवेश सीमा को पूरा करना होगा और कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करना अनिवार्य होगा।

यह इंसेंटिव कंपनियों को अपने मैन्युफैक्चरिंग सेटअप को और बेहतर बनाने और नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके साथ ही, योजना के तहत ग्रीनफील्ड यूनिट्स (नई यूनिट्स) और ब्राउनफील्ड यूनिट्स (पहले से स्थापित यूनिट्स) दोनों को इंसेंटिव्स का लाभ मिलेगा, जिससे हर प्रकार के उद्योग को प्रगति का मौका मिलेगा।

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योजना से जुड़ी चुनौतियां और समाधान

इस योजना के तहत कुछ चुनौतियां सामने आ सकती हैं, जैसे नई यूनिट्स स्थापित करने में शुरुआती दिक्कतें, अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ प्रतिस्पर्धा, और उन्नत तकनीकों को अपनाने की जरूरत। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार को पॉलिसी सपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर ध्यान देना होगा।

साथ ही, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अधिक निवेश और कंपनियों को नए तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें बेहतर तरीके से तैयार किया जा सकता है। यह कदम भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को मजबूती देने में मदद करेगा।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

₹23,000 करोड़ की PLI योजना भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा अवसर है। यह न केवल घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगी, बल्कि निर्यात को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

यह योजना भारत को मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल पावरहाउस बनाने में मदद करेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी।

सरकार और उद्योगों के संयुक्त प्रयास से यह योजना आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में मदद करेगी।

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सवाल-जवाब

PLI योजना का सबसे बड़ा फायदा क्या है?

यह योजना घरेलू उत्पादन को बढ़ाकर भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में मदद करेगी।

क्या छोटे उद्योगों को भी इस योजना का फायदा मिलेगा?

हाँ, छोटे और बड़े दोनों उद्योगों को इंसेंटिव्स के जरिए प्रोत्साहन मिलेगा।

योजना से भारत की अर्थव्यवस्था को क्या लाभ होगा?

यह योजना रोजगार के अवसर बढ़ाएगी, निवेश आकर्षित करेगी और भारत के निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

क्या यह योजना छोटे व्यवसायों के लिए भी फायदेमंद होगी?

हाँ, यह योजना छोटे और बड़े दोनों व्यवसायों के लिए समान रूप से अवसर प्रदान करती है। इससे छोटे व्यवसाय भी नई तकनीकों में निवेश कर सकेंगे।

क्या यह योजना भारत के निर्यात को और बढ़ावा देगी?

बिल्कुल, योजना का उद्देश्य ही भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को बढ़ावा देना है, जो पहले से ही 20% CAGR की दर से बढ़ रहा है।

क्या इस योजना से रोजगार के नए अवसर बनेंगे?

हाँ, योजना से घरेलू उत्पादन बढ़ेगा और नई मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां स्थापित होंगी, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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